NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 10 Circles (वृत्त) (Hindi Medium)
These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Maths in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Maths Chapter 10 Circles.
प्रश्नावली 10.1
Q1. खाली स्थान भरिए:
(i) वृत्त का केन्द्र वृत्त के ……………….. में स्थित है (बहिर्भाग/अभ्यंतर)।
(ii) एक बिन्दु, जिसकी वृत्त के केन्द्र से दूरी त्रिज्या से अधिक हो, वृत्त के ……………….. स्थित होता है (बहिर्भाग/अभ्यंतर)।
(iii) वृत्त की सबसे बड़ी जीवा वृत्त का ………………. होता है।
(iv) एक चाप …………….. होता है, जब इसके सिरे एक व्यास के सिरे हों।
(v) वृत्तखंड एक चाप तथा ……………… के बीच का भाग होता है।
(vi) एक वृत्त, जिस तल पर स्थित है, उसे ……………. भागों में विभाजित करता है।
उत्तर :
(i) अभ्यंतर
(ii) बहिर्भाग
(iii) ब्यास
(iv) अर्धवृत
(v) जीवा
(vi) अनंत
Q2. लिखिए, सत्य या असत्य। अपने उत्तर के कारण दीजिए।
(i) केन्द्र को वृत्त पर किसी बिन्दु से मिलाने वाला रेखाखंड वृत्त की त्रिज्या होती है।
(ii) एक वृत्त में समान लंबाई की परिमित जीवाएँ होती हैं।
(iii) यदि एक वृत्त को तीन बराबर चापों में बाँट दिया जाए, तो प्रत्येक भाग दीर्घ चाप होता है।
(iv) वृत्त की एक जीवा, जिसकी लम्बाई त्रिज्या से दो गुनी हो, वृत्त का व्यास है।
(v) त्रिज्यखंड, जीवा एवं संगत चाप के बीच का क्षेत्र होता है।
(vi) वृत्त एक समतल आकृति है।
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) सत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य
(v) असत्य
(vi) सत्य
प्रश्नावली 10.2
Q1. याद कीजिए कि दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं, यदि उनकी त्रिज्याएँ बराबर हों। सिद्ध कीजिए कि सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अंतरित करती हैं।
हल :
दिया है : O और O’ वाले दो सर्वांगसम
वृत्त हैं जिनकी बराबर जीवाएं AB = PQ है |
सिद्ध करना है :
∠AOB = ∠PO’Q है |
प्रमाण : ΔAOB तथा ΔPO’Q में
AO = PO’ (सर्वांगसम वृत्त की त्रिज्या बराबर होती है)
BO = QO’ (सर्वांगसम वृत्त की त्रिज्या)
AB = PQ (दिया है)
SSS सर्वांगसमता नियम से
ΔAOB ≅ ΔPO’Q
अत: ∠AOB = ∠PO’Q (BY CPCT)
Proved.
Q2. सिद्ध कीजिए कि यदि सर्वांगसम वृत्तों की जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अंतरित करें, तो जीवाएँ बराबर होती हैं।
हल :
दिया है : O और O’ वाले दो सर्वांगसम
वृत्त हैं जिनमें ∠AOB = ∠PO’Q है|
सिद्ध करना है :
AB = PQ है|
प्रमाण : ΔAOB तथा ΔPO’Q में
AO = PO’ (सर्वांगसम वृत्त की त्रिज्या बराबर होती है)
BO = QO’ (सर्वांगसम वृत्त की त्रिज्या)
∠AOB = ∠PO’Q (दिया है)
SSS सर्वांगसमता नियम से
ΔAOB ≅ ΔPO’Q
अत:AB = PQ (BY CPCT)
Proved.
प्रश्नावली 10.3
Q2. मान लीजिए आपको एक वृत्त दिया है। एक रचना इसके केंद्र को ज्ञात करने के लिए दीजिए।
हल : रचना के पद :
(i) दिया हुआ बिना केंद्र वाला एक खिंचा |
(ii) वृत्त पर तीन असंरेखी बिन्दुएँ A, B तथा C डाला और A को B से और B को C से मिलाया |
(iii) रेखाखंड AB और BC का लंब समद्विभाजक खिंचा जो एक दुसरे को बिंदु O पर प्रतिच्छेद करते हैं |
(iv) बिंदु O ही दिए गए वृत्त का अभीष्ट केंद्र है |
Q3. यदि दो वृत्त परस्पर दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि उनके केंद्र उभयनिष्ठ जीवा के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित हैं।
हल :
दिया है : O और O’ वाले दो वृत्त एक
दुसरे को बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करती हैं |
अत: उभयनिष्ठ जीवा AB है |
दिया है : O और O’ वाले दो वृत्त एक
दुसरे को बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करती हैं |
अत: उभयनिष्ठ जीवा AB है |
अब चूँकि AB एक सरल रेखा है |
प्रश्नावली 10.4
Q1. 5 cm तथा 3 cm त्रिज्या वाले दो वृत्त दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते हैं तथा उनके केन्द्रों बीच की दूरी 4 cm है। उभयनिष्ठ जीवा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
AO = 5 cm
AO’ = 3 cm
OO’ = 4 cm
AB = ?
Q2. यदि एक वृत्त की दो समान जीवाएँ वृत्त के अन्दर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि एकजीवा के खंड दूसरी जीवा के संगत खंडों के बराबर हैं।
हल :
दिया है : O केंद्र वाले वृत्त की दो बराबर
जीवाएं AB तथा CD हैं | जो एक दुसरे को
बिंदु E पर प्रतिच्छेद करती हैं |
सिद्ध करना है : AE = CE और BE = DE है |
रचना : O से M तथा N को मिलाया |
या AM = CN …… (2)
या BM = DN ……. (3)
अब समीकरण (2) में से (1) घटाने पर
AM – EM = CN – EN
या AE = CE Proved (i)
अब समीकरण (3) में (1) जोड़ने पर
BM + EM = DN + EN
या BE = DE Proved (ii)
अत: AE = CE और BE = DE है |
इसलिए जीवा के संगत अंत:खंड बराबर हैं |
Q3. यदि एक वृत्त की दो समान जीवाएँ वृत्त के अन्दर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि प्रतिच्छेद बिन्दु को केंद्र से मिलाने वाली रेखा जीवाओं से बराबर कोण बनाती है।
हल :
दिया है : O केंद्र वाले वृत्त की दो बराबर जीवायें
AB तथा CD वृत्त के अन्दर बिंदु E पर
प्रतिच्छेद करती हैं |
रचना : E को केंद्र O से मिलाया |
Q4. यदि एक रेखा दो संकेंद्री वृतों (एक ही केंद्र वाले वृत्त) को, जिनका केंद्र O है, A, B, C और D पर प्रतिच्छेद करे, तो सिद्ध कीजिए AB = CD है |
हल :
दिया है : दो संकेंद्री वृत्त जिनका केंद्र O है |
एक रेखा वृत्त को A, B, C और D पर प्रतिच्छेद करती हैं |
Q5. एक पार्क में बने 5 m त्रिज्या वाले वृत्त पर खड़ी तीन लड़कियाँ रेशमा, सलमा एवं मनदीप खेल रही हैं। रेशमा एक गेंद को सलमा के पास, सलमा मनदीप के पास तथा मनदीप रेशमा के पास फेंकती है। यदि रेशमा तथा सलमा के बीच और सलमा तथा मनदीप के बीच की प्रत्येक दूरी 6 m हो, तो रेशमा और मनदीप के बीच की दूरी क्या है?
हल :
वृत्त का केंद्र O और और माना कि वृत्त पर
रेशमा (R), सलमा (S) और मनदीप (M) है |
RS = 6 m, SM = 6 m और RM = ?
OR = OS = 5 cm है |
ΔROS में,
a = 5 cm, b = 5cm और c = 6 cm
RM = 2 × RN
RM = 2 × 4.8 = 9.6 m
अत: रेशमा और मनदीप की बीच की दुरी 9.6 है |
Q6. 20 m त्रिज्या का एक गोल पार्क (वृत्ताकार) एक कालोनी में स्थित है। तीन लड़के अंकुर, सैयद तथा डेविड इसकी परिसीमा पर बराबर दूरी पर बैठे हैं और प्रत्येक के हाथ में एक खिलौना टेलीफोन आपस में बात करने के लिए है। प्रत्येक फोन की डोरी की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
माना अंकुर की स्थिति A, सैयद की S और डेविड की D है |
अत: फोन की डोरी की लंबाई AS = SD = AD = x m है |
वृत्त की त्रिज्या AO = OS = OD = 20 m है |
प्रश्नावली 10.5
Q1. आकृति 10.36 में, केंद्र O वाले एक वृत्त पर तीन बिंदु A, B और C इस प्रकार हैं कि ∠BOC = 30० तथा ∠AOB = 60० है | यदि चाप ABC के अतिरिक्त वृत्त पर D एक बिंदु है, रो ∠ADC ज्ञात कीजिए |
हल :
∠AOC = 2 ∠ADC (प्रमेय 10.8 से )
[ एक चाप द्वारा वृत्त के केंद्र पर अंतरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी बिंदु पर अंतरित कोण का दुगुना होता है | ]
Q2. किसी वृत्त की एक जीवा वृत्त की त्रिज्या के बराबर है | जीवा द्वारा लघु चाप के किसी बिंदु पर अंतरित कोण ज्ञात कीजिए तथा दीर्घ चाप के किसी बिंदु पर भी अंतरित कोण ज्ञात कीजिए |
हल :
चाप AB त्रिज्याएँ OA तथा OB के बराबर है |
इसलिए ΔAOB एक समबाहु त्रिभुज है |
अत: ∠AOB = 60० (समबाहु त्रिभुज के प्रत्येक कोण)
अब, ∠AOB = 2∠APB
वृत्त के केंद्र पर बना कोण शेष वृत्त पर बने कोण का दुगुना होता है)
या 60० = 2∠APB
Q3. आकृति 10.37 में, ∠PQR = 100० है, जहाँ P, Q तथा R केंद्र O वाले एक वृत्त पर स्थित बिंदु हैं | ∠OPR ज्ञात कीजिए |
हल :
दिया है – ∠PQR = 100० है |
चूँकि (वृत्त के केंद्र पर बना कोण शेष वृत्त पर बने कोण का दुगुना होता है)
इसलिए ∠POR = 2 ∠PQR
या ∠POR = 2 × 100०
या ∠POR = 200०
अब प्रतिवर्ती ∠POR = 360० – 200०
या प्रतिवर्ती ∠POR = 160०
ΔPOR में, PO = RO (एक ही वृत्त की त्रिज्या)
इसलिए ∠OPR = ∠ORP ……..(1) (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं)
अब, ∠OPR + ∠ORP + ∠POR = 180० (तीनों कोणों का योग)
या ∠OPR + ∠OPR + 160० = 180० समी० (1) से
या 2 ∠OPR = 180० – 160०
या 2 ∠OPR = 20०
Q4. आकृति 10.38 में, ∠ABC = 69० और ∠ACB = 31० हो, तो ∠BDC ज्ञात कीजिए |
हल :
ΔABC में,
∠ABC + ∠ACB + ∠BAC = 180० (त्रिभुज के तीनों का योग)
या 69० + 31० + ∠BAC = 180०
या 100० + ∠BAC = 180०
या ∠BAC = 180० – 100०
या ∠BAC = 80०
अब चूँकि ∠BAC = ∠BDC
इसलिए, ∠BDC = 80०
Q5. आकृति 10.39 में, एक वृत्त पर A, B, C और D चार बिंदु हैं | AC और BD एक बिंदु E पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि ∠BEC = 130° तथा ∠ECD = 20° है | ∠BAC ज्ञात कीजिए |
हल :
BED एक सरल रेखा है |
इसलिए, ∠BEC + ∠CED = 180० (रैखिक युग्म)
या 130° + ∠CED = 180०
या ∠CED = 180० – 130°
या ∠CED = 50°
अब ∠BAC = ∠CED [क्योंकि एक ही वृत्त खंड में बने कोण बराबर होते हैं]
इसलिए ∠BAC = 50°
Q6. ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसके विकर्ण एक बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करते हैं। यदि ∠DBC = 70° और ∠BAC = 30° हो, तो ∠BCD ज्ञात कीजिए। पुनः यदि AB = BC हो, तो ∠ECD ज्ञात कीजिए ।
हल :
दिया है कि ∠DBC = 70° और ∠BAC = 30° है |
अब, ∠BAC = ∠BDC [एक ही वृत्त खंड में बने कोण बराबर होते हैं]
इसलिए, ∠BDC = 30° …… (1)
अब DBCD में,
∠BDC = 30°, ∠DBC = 70° और ∠BCD = ?
अब ∠BDC + ∠DBC + ∠BCD = 180° [त्रिभुज के तीनों कोणों का योग]
या 30° + 70° + ∠BCD = 180° समी० (1) से
या 100° + ∠BCD = 180°
या ∠BCD = 180° – 100°
या ∠BCD = 80°
अब, AB = BC दिया है
इसलिए, ∠BAC = ∠BCA …… (2) [बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं]
अब चूँकि ∠BAC = 30° है |
इसलिए ∠BCA = 30° समी० (2) से
या ∠ECB = 30°
चूँकि ∠BCD = 80° है |
या ∠ECB + ∠ECD = 80°
या 30° + ∠ECD = 80°
या ∠ECD = 80° – 30°= 50°
अत: ∠ECD = 50° और ∠BCD = 80° है |
Q7. यदि एक चक्रीय चतुर्भुज के विकर्ण उसके शीर्षों से जाने वाले वृत्त के व्यास हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह एक आयत है।
हल :
दिया है : ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है
जिसके विकर्ण AC तथा BD बिंदु O पर
प्रतिच्छेद करते हैं ।
सिद्ध करना है : ABCD एक आयत है ।
प्रमाण : ΔAOB तथा ΔCOD में
OA = OC (एक ही वृत्त कि त्रिज्यायें)
OB = OD (एक ही वृत्त कि त्रिज्यायें)
∠AOB = ∠COD (शिर्षाभिमुख कोण)
SAS सर्वांगसमता नियम से
ΔAOB ≅ ΔCOD
अत: AB = CD ….(1) (By CPCT)
और ∠BAO = ∠DCO एकांतर कोण
अत: AB ॥ CD …(2)
समी० (1) तथा (2) से
ABCD एक समांतर चतुर्भुज है ।
अब BD विकर्ण वृत्त का ब्यास है (दिया है)
इसलिए ∠A = 90° तथा ∠C = 90° है । [अर्धवृत्त में बना कोण 90° होता है]
अत: ABCD एक आयात है ।
(वह समांतर चतुर्भुज जिसका एक कोण समकोण हो वह आयत कहलाता है)
Q8. यदि एक समलंब की असमांतर भुजाएँ बराबर हों, तो सिद्ध कीजिए कि वह चक्रीय है।
हल :
दिया है : ABCD एक समलंब है जिसमें
AB || CD है और AD = BC है |
सिद्ध करना है :
ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है |
प्रमाण : ΔACD तथा ΔBDC में
AD = BC (दिया है)
DC = DC (दिया है)
∠DAC = ∠CBD (एक ही वृत्त खंड में बने कोण)
SAS सर्वांगसमता नियम से
ΔACD ≅ ΔBDC
अत: ∠D = ∠C ….. (1) By CPCT
अब चूँकि AB || CD दिया है
इसलिए, ∠A + ∠D = 180° (अत: आसन्न कोणों का योग)
या ∠A + ∠C = 180° समी० (1)से
अत: ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है|
Proved.
Q9. दो वृत्त दो बिन्दुओं B और C पर प्रतिच्छेद करते हैं । B से जाने वाले दो रेखाखंड ABD और PBQ वृतों को A, D और P, Q पर क्रमश: प्रतिछेद करते हुए खींचे गए हैं । सिद्ध कीजिए कि ∠ACP = ∠QCD है |
हल :
सिद्ध करना है : ∠ACP = ∠QCD
प्रमाण :
चाप AP बने कोण ∠ABP तथा ∠ACP हैं |
अत: ∠ABP = ∠ACP ……….. (1)[एक ही वृत्त खंड में बने कोण]
अब, ∠ABP = ∠QBD ……….. (2)[शिर्षाभिमुख कोण]
समीकरण (1) तथा (2) से
∠ACP = ∠QBD ……….. (3)
पुन: ∠QCD = ∠QBD ………. (4) [एक ही वृत्त खंड में बने कोण]
अत: समीकरण (3) तथा (4) से
∠ACP = ∠QCD
Proved.
Q10. यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को व्यास मानकर वृत्त खींचे जाएँ, तो सिद्ध कीजिए कि इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा पर स्थित है।
हल :
दिया है : ABC एक त्रिभुज है जिसकी भुजाओं
AB तथा AC को व्यास मानकर O तथा O’ वाले
दो वृत्त खिंचा है | उभयनिष्ठ जीवा AD है |
सिद्ध करना है : बिंदु D BC पर स्थित है |
प्रमाण : AB O केंद्र वाले वृत्त का व्यास है |
अत: ∠ADB = 90° ………. (1) (अर्धवृत में बना कोण समकोण होता है)
अब, AC O’ वाले वृत्त का व्यास है ।
अत: ∠ADC = 90° ………. (2) (अर्धवृत में बना कोण समकोण होता है)
समीकरण (1) तथा (2) जोड़ने पर
∠ADB + ∠ADC = 90° + 90°
या ∠ADB + ∠ADC = 180° [रैखिक युग्म]
अत: BDC एक सरल रेखा है जिसपर बिंदु D स्थित है|
Proved.
Q11. उभयनिष्ठ कर्ण AC वाले दो समकोण त्रिभुज ABC और ADC हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠CAD = ∠CBD है।
हल-
दिया है: ∆ABC और ∆ADC दो समकोण त्रिभुज हैं जिनका कर्ण AC उभयनिष्ठ है। रेखाखण्ड BD खींचा गया है।
सिद्ध करना है: ∠CAD = ∠CBD
रचना : AC को व्यास मानकर वृत्त खींचा।
उपपत्ति: चूँकि ∆ABC समकोण त्रिभुज है जिसका कर्ण AC है।
∠B = 90°
पुनः ∆ADC समकोण त्रिभुज है जिसका कर्ण AC है।
∠D = 90°
तब चतुर्भुज ABCD में, ∠B + ∠D = 180° (चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक होते हैं)
ABCD चक्रीय चतुर्भुज है।
बिन्दु A, B,C और D एक वृत्त पर हैं। चूँकि ∠CAD और ∠CBD एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं।
अतः ∠CAD = ∠CBD
इति सिद्धम्.
Q12. सिद्ध कीजिए कि चक्रीय समान्तर चतुर्भुज एक आयत होता है।
हल-
दिया है : समान्तर चतुर्भुज ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है।
सिद्ध करना है : चतुर्भुज ABCD एक आयत है।
उपपत्ति : ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है,
∠A + ∠C = 180° ……(1)
परन्तु समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
∠A = ∠C ……(2)
अतः समीकरण (1) व (2) से,
∠A = ∠C = 90°
इसी प्रकार, ∠B = ∠D = 90°
ABCD का प्रत्येक अन्त:कोण 90° के बराबर है।
अत: ABCD एक आयत है। .
इति सिद्धम्
प्रश्नावली 10.6 (ऐच्छिक)
Q1. सिद्ध कीजिए कि दो प्रतिच्छेद करते हुए वृत्तों के केन्द्रों की रेखा दोनों प्रतिच्छेद बिन्दुओं पर समान कोण अन्तरित करती है।
हल-
दिया है: O1 तथा O2 केन्द्रों वाले दो वृत्त एक-दूसरे को दो बिन्दुओं A तथा B पर प्रतिच्छेद करते हैं। केन्द्र रेखा O1O2 प्रतिच्छेद बिन्दु A पर ∠O1AO2 तथा B पर ∠O1BO2 अन्तरित करती है।
सिद्ध करना है: ∠O1AO2 तथा ∠O1BO2 समान हैं।
उपपत्ति: ∆O1AO2 तथा ∆O1BO2 में,
O1A = O1B (एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ)
O2A = O2B (एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ)
O1O2 = O1O2 (उभयनिष्ठ)
∆O1AO2 = ∆O1BO2 (भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता से)
∠O1AO2 = ∠O1BO2 (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत कोण)
Q2. एक वृत्त की 5 सेमी तथा 11 सेमी लम्बी दो जीवाएँ AB और CD समान्तर हैं और केन्द्र की विपरीत दिशा में स्थित हैं। यदि AB और CD के बीच की दूरी 6 सेमी हो तो वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया है : O त्रिज्या का एक वृत्त है जिसमें AB तथा CD दो समान्तर जीवाएँ केन्द्र O के विपरीत ओर स्थित हैं जिनकी लम्बाइयाँ क्रमशः 5 सेमी व 11 सेमी हैं। जीवाओं के बीच की (लाम्बिक) दूरी 6 सेमी है अर्थात् MON = 6 सेमी जबकि MON ⊥ AB व MON ⊥ CD
Q3. किसी वृत्त की दो समान्तर जीवाओं की लम्बाइयाँ 6 सेमी और 8 सेमी हैं। यदि छोटी जीवा केन्द्र से 4 सेमी की दूरी पर हो तो दूसरी जीवा केन्द्र से कितनी दूर है?
हल-
दिया है : O केन्द्र वाले किसी वृत्त की दो समान्तर जीवाओं AB व CD की लम्बाइयाँ क्रमशः 6 सेमी व 8 सेमी हैं। छोटी जीवा AB की केन्द्र Oसे दूरी OM = 4 सेमी है।
ज्ञात करना है : दूसरी जीवा CD की केन्द्र O से दूरी ON
गणना : वृत्त की त्रिज्याएँ OA तथ OD खींचीं।
जीवा AB की केन्द्र O से (लाम्बिक) दूरी OM = 4 सेमी
Q4. मान लीजिए कि कोण ABC का शीर्ष एक वृत्त के बाहर स्थित है और कोण की भुजाएँ वृत्त से बराबर जीवाएँAD और CE काटती हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠ABC जीवाओं AC तथा DE द्वारा केन्द्र पर अन्तरित कोणों के अन्तर को आधा है।
हल-
दिया है : ∠ABC बनाने वाली भुजाएँ AB व BC एक वृत्त से जीवाएँ AD और CE काटती हैं। जीवा AC द्वारा वृत्त के केन्द्र O पर अन्तरित कोण ∠AOC है और DE द्वारा केन्द्र पर अन्तरित कोण ∠DOE है।
Q5. सिद्ध कीजिए कि समचतुर्भुज की किसी भी भुजा को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त, उसके विकर्णो के प्रतिच्छेद बिन्दु से होकर जाता है।
हल-
दिंया है: ABCD एक समचतुर्भुज है जिसमें AC और BD दो विकर्ण हैं जो एक-दूसरे को समकोण पर प्रतिच्छेदित करते हैं।
सिद्ध करना है: BC को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त विकर्णो के प्रतिच्छेद बिन्दु P से होकर जाता है।
उपपत्ति : ABCD एक समचतुर्भुज है और उसके विकर्ण AC तथा BD परस्पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करते हैं।
∠CPB = 90°
∆CPB एक समकोण त्रिभुज है जिसका कर्ण BC है। तब समकोण ∆CPB को ∠CPB अर्धवृत्त में स्थित होगा जिसका व्यास BC है।
अतः BC को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त बिन्दु P (विकर्मों का प्रतिच्छेद बिन्दु) से होकर जाएगा।
इति सिद्धम्.
Q6. ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। A, B और C से जाने वाला वृत्त CD (यदि आवश्यक हो तो बढाकर) को E पर प्रतिच्छेद करता है। सिद्ध कीजिए कि AE = AD है।
हल-
दिया है: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है जिसके शीर्षों A, B और C से एक वृत्त खींचा गया है। जो भुजा CD को E पर काटता है।
सिद्ध करना है: AE = AD
उपपत्ति : चूँकि ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है,
∠B = ∠D (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।) ……(1)
चूंकि A, B, C से जाने वाला वृत्त CD को E पर काटता है,
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
बहिष्कोण AED = ∠B ……(2)
समीकरण (1) व (2) से,
∠AED = ∠D (= ∠ADE)
∆ADE में,
∠AED = ∠ADE
∆ADE समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें
AD = AE
इति सिद्धम्.
Q7. AC और BD एक वृत्त की जीवाएँ हैं जो एक-दूसरे को समद्विभाजित करती हैं। सिद्ध कीजिए-
(i) AC और BD व्यास हैं।
(ii) ABCD एक आयत है।
हल-
दिया है: AC तथा BD एक वृत्त की जीवाएँ हैं जो एक-दूसरे को , बिन्दु O पर समद्विभाजित करती हैं।
सिद्ध करना है :
(i) AC तथा, BD वृत्त के व्यास हैं।
(ii) ABCD एक आयत है।
रचना : AB, BC, CD तथा DA को मिलाया।
उपपत्ति :
(i) जीवा AC और BD एक-दूसरे को बिन्दु O पर समद्विभाजित करती हैं।
OA = OB = OC = OD
तब OA, OB, OC और OD एक ऐसे वृत्त की त्रिज्याएँ हैं जिसका केन्द्र O है।
तब, AC = OA + OC = त्रिज्या + त्रिज्या = 2 x त्रिज्या
AC वृत्त का व्यास है।
BD भी O से होकर जाती है, तब BD भी वृत्त का व्यास है।
(ii) चूंकि AC व्यास है, तब ∠B = 90° तथा ∠D = 90°
और BD व्यास है, तब ∠A = 90° तथा ∠C = 90°
तब, ABCD एक ऐसा चतुर्भुज है जिसका प्रत्येक अन्त: कोण 90° है तथा विकर्ण एक-दूसरे को अर्धित करते हैं।
अत: ABCD एक आयत है।
इति सिद्धम्
Q8. त्रिभुज ABC के कोणों A, B और C के समद्विभाजक उसके परिवृत्त को क्रमशः बिन्दुओं D, E और F पर प्रतिच्छेदित करते हैं।
सिद्ध कीजिए कि ∆DEF के कोण क्रमशः 90° – , 90° – और 90° – है।
हल-
दिया है : ∆ABC के कोणों A, B और C के समद्विभाजक AD, BE व CF त्रिभुज के परिवृत्त को क्रमशः बिन्दुओं D, E व F पर काटते हैं। बिन्दुओं D, E व F से त्रिभुज DEF बनाया गया है।
Q9. दो सर्वांगसम वृत्त परस्पर बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A से होकर कोई रेखाखण्ड PAQ इस प्रकार खींचा गया है कि P और दोनों वृत्तों पर स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि BP = BQ है।
हल-
दिया है : दो वृत्तों के केन्द्र O1 व O2 हैं और वे बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। A से एकं रेखा PAQ खींची गई है जो वृत्तों से बिन्दुओं P और Q पर मिलती है।
सिद्ध करना है: रेखाखण्ड BP = रेखाखण्ड BQ
रचना : जीवा AB तथा त्रिज्याएँ O1A, O1B, O2A तथा O2B खींचीं।
उपपत्ति : चूँकि जीवा AB दोनों वृत्तों में उभयनिष्ठ है और दोनों वृत्त सर्वांगसम हैं।
O1 केन्द्र वाले वृत्त का चाप AB = O2 केन्द्र वाले वृत्त का चाप AB
∠AO1B = ∠AO2B (सर्वांगसम वृत्तों के समान चाप केन्द्र पर समान कोण अन्तरित करते हैं)
∠APB = ∠AQB (परिधि पर अन्तरित कोण)
अब ∆QBP में,
∠APB = ∠AQB (ऊपर सिद्ध हुआ है)
∠BPQ = ∠BQP
अतः BP = BQ (समान भुजाओं की सम्मुख भुजाएँ)
इति सिद्धम्.
Q10. किसी त्रिभुज ABC में, यदि ∠A को समद्विभाजक तथा BC का लम्ब समद्विभाजक प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि वे ∆ABC के परिवृत्त पर प्रतिच्छेद करेंगे।
हल-
दिया है : ∆ABC के आधार BC का लम्ब समद्विभाजक XY है।
ABDC, ∆ABC का परिवृत्त है। लम्ब समद्विभाजक XY परिवृत्त को D पर काटता है। XY, BC को M पर काटता है।
सिद्ध करना है : ∠A का समद्विभाजक भी बिन्दु D से होकर जाएगा। रचना : DB तथा DC को मिलाया।
उपपत्ति : चूँकि XY, BC को लम्ब समद्विभाजक है और यह परिवृत्ते को बिन्दु D पर काटता है।
बिन्दु D, परिवृत्त पर भी है और XY पर भी।
∆BDM और ∆CDM में,
BM = CM (XY, BC का लम्बे समद्विभाजक है)
MD = MD (उभयनिष्ठ)
∠BMD = ∠CMD (XY ⊥ BC)
∆BDM = ∆CDM (भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता से)
BD = CD (सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ)
बिन्दु D, परिवृत्त पर भी स्थित है।
परिवृत्त में,
जीवा BD = जीवा CD
चाप BD = चाप CD (समान चाप किसी वृत्त की समान जीवाएँ काटते हैं)
चाप BD द्वारा बिन्दु A पर अन्तरित कोण = चाप CD द्वारा बिन्दु A पर अन्तरित कोण
∠BAD = ∠CAD
AD, ∠A का समद्विभाजक है।
अत: ∠A का समद्विभाजक AD भी बिन्दु D से होकर जाता है।
इति सिद्धम्.