NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 2 New Kings and Kingdoms (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 2 New Kings and Kingdoms (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 2 New Kings and Kingdoms.

पाठगत प्रश्न

1. क्या आपके विचार से उस दौर में एक शासक बनने के लिए क्षत्रिय के रूप में पैदा होना महत्त्वपूर्ण था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-17)
उत्तर हमारे विचार से उस दौर में एक शासक बनने के लिए क्षत्रिय के रूप में पैदा होना महत्त्वपूर्ण नहीं था। भारत के कई गैर क्षत्रिय शासक हुए जिनमें कदंब मयूरशर्मण और गुर्जर, प्रतिहार हरिचंद्र ब्राह्मण थे, जिन्होंने अपने परंपरागत पेशे को छोड़कर शस्त्र को अपना लिया। इसके अतिरिक्त कई और भी शासक हुए जो क्षत्रिय नहीं थे, लेकिन उस दौर में भारत के अधिकांश शासक क्षत्रिय थे।

2. प्रशासन का यह रूप आज की व्यवस्था से किन मायनों में भिन्न था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-18)
उत्तर मध्यकाल में भारत में राजतंत्र कायम था। राजतंत्र में शासक वंशानुगत हुआ करते थे, अर्थात् राजा का पुत्र ही राजा होता था, लेकिन आज की प्रशासनिक व्यवस्था लोकतांत्रिक है, जिसमें जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही शासन करते हैं। ज़नता के चुने हुए प्रतिनिधि ही सरकार का गठन करते हैं। मध्यकाल में जनता किसी भी राजा का ना तो चुनाव कर सकती थी और न ही उसे हटा सकती थी।

3. मानचित्र 1 को देखें और वे कारण बताइए, जिनके चलते ये शासक कन्नौज और गंगा घाटी के ऊपर नियंत्रण चाहते थे। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-21)
उत्तर आठवीं सदी से लेकर बारहवीं सदी के पूर्वार्द्ध तक कन्नौज भारत का राजनीतिक शक्ति का केन्द्र था। कन्नौज उत्तर भारत के मध्य में स्थित था। इसलिए गुर्जर प्रतिहार, पाल वंश और राष्ट्रकूट वंश के राजाओं ने लंबे समय तक कन्नौज के लिए संघर्ष किया, जिससे इन शासकों का कन्नौज पर नियंत्रण कायम हो सके। चूँकि इस लंबी चली लड़ाई में तीन पक्ष थे, इसलिए इतिहासकारों ने प्रायः इसकी चर्चा त्रिपक्षीय संघर्ष के रूप में की है।

4. प्राचीन व मध्यकाल के राजाओं द्वारा कई तरह के दावे किए जाते थे, आपके विचार से ऐसे दावे उन्होंने क्यों किए होंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-19)
उत्तर कई प्रशस्तियों में शासक कई तरह के दावे करते थे, मिसाल के लिए शूरवीर, विजयी योद्धा के रूप में। समुद्रगुप्त ने अपने प्रशस्ति में वर्णन किया कि आंध्र, सैंधव, विदर्भ और कलिंग के राजा उनके आगे तभी धराशायी हो गए जब वे राजकुमार थे। इस तरह के दावे शासक अपने आपको सम्मानित और गौरवान्वित करने के लिए करते थे।

5. मानचित्र 1 को दोबारा देखिए और विचार-विमर्श कीजिए कि चाहमानों ने अपने इलाके का विस्तार क्यों करना चाहा होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-21)
उत्तर चाहमान दिल्ली और अजमेर के आस-पास के क्षेत्र पर शासन करते थे। उन्होंने पश्चिम और पूर्व की ओर अपने नियंत्रण क्षेत्र का विस्तार करना चाहा, जहाँ उन्हें गुजरात के चालुक्यों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गहड़वालों से टक्कर लेनी पड़ी। चौहानों ने अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए और अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए अपने साम्राज्य में विस्तार करना चाहा होगा।

6. क्या आपको लगता है कि महिलाएँ इन सभाओं में हिस्सेदारी करती थीं? क्या आप समझते हैं कि समितियों के सदस्यों के चुनाव के लिए लॉटरी का तरीका उपयोगी होता है? । (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-27)
उत्तर महिलाओं का सभाओं में भाग लेने का प्रमाण इतिहास के किसी साक्ष्य में नहीं मिला है। चोल प्रशासन के कुछ समितियों में ही सदस्यों का चुनाव लॉटरी से किया जाता था, बाकी सदस्यों का चुनाव प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाता था। कुछ समितियों के सदस्यों के चुनाव के लिए लॉटरी का तरीका सही है।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 2 (Hindi Medium) 1

2. ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ में लगे तीनों पक्ष कौन-कौन से थे?
उत्तर त्रिपक्षीय संघर्ष में लगे तीनों पक्ष

  1. गुर्जर-प्रतिहार,
  2. राष्ट्रकूट,
  3. पाल

3. चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए आवश्यक शर्ते क्या थीं?
उत्तर चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए निम्न शर्ते आवश्यक थीं

  1. सभा की सदस्यता के लिए इच्छुक लोगों को ऐसी भूमि का स्वामी होना चाहिए, जहाँ से भू-राजस्व वसूला जाता है।
  2. उनके पास अपना घर होना चाहिए।
  3. उनकी उम्र 35 से 70 के बीच होनी चाहिए।
  4. उन्हें वेदों का ज्ञान होना चाहिए।
  5. ईमानदार होना चाहिए।
  6. उन्हें प्रशासनिक मामलों की अच्छी जानकारी होनी चाहिए।

4. चाहमानों के नियंत्रण में आनेवाले दो प्रमुख नगर कौन-से थे?
उत्तर चाहमानों के नियंत्रण में आने वाले नगर

  1. कन्नौज,
  2. बनारस,
  3. इन्द्रप्रस्थ,
  4. प्रयाग

आइए समझें

5. राष्ट्रकूट कैसे शक्तिशाली बने?
उत्तर राष्ट्रकूट शुरू में कनार्टक के चालुक्य राजाओं के अधीन थे। आठवीं सदी के मध्य में एक राष्ट्रकूट शासक । दंतीदुर्ग ने चालुक्यों की अधीनता से इंकार कर दिया। बाद में चालुक्यों को उसने हराया और अपनी सैनिक शक्ति में वृद्धि की।

6. नये राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए क्या किया?
उत्तर नए राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए निम्न कार्य किए

  1. राजा लोग नए राजवंशों को अपने मातहत या सामंत के रूप में मान्यता देते थे।
  2. अधिक सत्ता और संपदा हासिल करने पर सामंत अपने आपको महासामंत, महामंडलेश्वर इत्यादि घोषित कर देते थे।
  3. कभी-कभी वे अपने स्वामी के आधिपत्य से स्वतंत्र हो जाने का दावा भी करते थे।
  4. उद्यमी परिवारों के पुरुषों ने अपनी राजशाही कायम करने के लिए सैन्य कौशल का इस्तेमाल किया।

7. तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
उत्तर तमिल क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था का विकास निम्न प्रकार से हुआ

  1. प्राकृतिक झीलों से सिंचाई की व्यवस्था की गई।
  2. अनेक नहरों को निर्मित किया गया।
  3. कई तालाबों और हौजों को निर्मित किया गया।
  4. अनेक क्षेत्रों में नए कुएँ खुदवाए गए।

8. चोल मंदिरों के साथ कौन-कौन सी गतिविधियाँ जुड़ी हुई थीं?
उत्तर चोल मंदिरों के साथ निम्नलिखित गतिविधियाँ जुड़ी हुई थीं

  1. चोल मंदिर अकसर अपने आस-पास विकसित होने वाली बस्तियों के केन्द्र बन गए।
  2. ये शिल्प उत्पादन के केन्द्र थे।
  3. ये मंदिर शासकों और अन्य लोगों द्वारा दी गई भूमि से भी सम्पन्न हो गए थे।
  4. मंदिर के लिए काम करने वालों में पुरोहित, मालाकार, बावर्ची, मेहतर, संगीतकार, नर्तक इत्यादि प्रमुख थे।
  5. मंदिर सिर्फ़ पूजा-आराधना का ही केन्द्र नहीं थे, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन । के केन्द्र भी थे।

आइए विचार करें।

9. मानचित्र 1 को दुबारा देखें और तलाश करें कि जिस प्रांत में आप रहते हैं, उसमें कोई पुरानी राजशाहियाँ (राजाओं के राज्य) थीं या नहीं ?
उत्तर मानचित्र 1 का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि जिस राज्य में हम रहते हैं, वहाँ इन्द्रप्रस्थ नामक राजशाही स्थापित थी, जिसे हम दिल्ली के नाम से जानते हैं।
इसके अतिरिक्त अन्य राजशाही और वर्तमान प्रांत का नाम इस प्रकार से है
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10. जिस तरह के पंचायती चुनाव हम आज देखते हैं, उनसे उत्तरमेरुर के चुनाव’ किस तरह से अलग थे ?
उत्तर वर्तमान समय के पंचायत चुनाव उत्तरमेरुर के चुनाव में अन्तर –
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आइए करके देखें

11. इस अध्याय में दिखलाए गए मंदिरों से अपने आस-पास के किसी मौजूदा मंदिर की तुलना करें और जो समानताएँ या अंतर आप देख पाते हैं, उन्हें बताएँ।
उत्तर असमानताएँ – इस अध्याय में दिखलाए गए मंदिर द्रविड़ शैली के स्थापत्य कला द्वारा निर्मित हैं, लेकिन वर्तमान के अधिकांश मंदिर बेसर शैली स्थापत्य कला द्वारा निर्मित हैं। बेसर शैली में द्रविड़ और नागर शैली का सम्मिश्रण होता है।
समानताएँ – इन दोनों मंदिरों में समानता यह है कि इन दोनों मंदिरों के गर्भ-गृह में ही मूर्ति स्थित होती है।

12. आज के समय में वसूले जाने वाले करों के बारे में और जानकारी हासिल करें। क्या ये नकद के रूप में हैं, वस्तु के रूप में हैं या श्रम सेवाओं के रूप में?
उत्तर वर्तमान समय में प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर के रूप में कर वसूल किए जाते हैं। प्रत्यक्ष कर के रूप में आय कर, सम्पत्ति कर, उत्तराधिकारी कर, मृत्यु कर आदि। अप्रत्यक्ष कर के रूप में उत्पादन शुल्क, बिक्री कर आदि प्रमुख हैं।

वर्तमान समय में सभी कर नकद अथवा चेक के द्वारा जमा किए जाते हैं तथा किसी भी कर का भुगतान वस्तु के रूप में अथवा श्रम सेवाओं के रूप में नहीं लिया जाता है

 

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