NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13 Magnetic Effects of Electric Current (Hindi Medium)
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Chapter 13. विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव
अध्याय-समीक्षा
- प्राकृतिक चुंबक को मैग्नेटाईट के नाम से जाना जाता है |
- दिकसूचक सुई का उतरोन्मुखी सिरा ठीक उतर की ओर संकेत न करके लगभग उतर की ओर संकेत करता है। दिकसूचक पठन में होने वाले इस विचलन को चुम्बकीय दिक्पात कहते है ।
- बेलन की आकृति में लपेटे तार की अनेक वृत्ताकार फेरों को परिनलिका कहते है ।
- 19वीं शताब्दी के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक, हैंस क्रिश्चियन ऑर्स्टेड ने वैद्युतचुंबकत्व को समझने में एक निर्णायक भूमिका निभाई। सन् 1820 ई. में उन्होंने अकस्मात यह खोजा कि किसी धातु के तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर पास में रखी दिक्कसूची में विक्षेप उत्पन्न हुआ।
- अपने प्रेक्षणों के आधार पर ऑर्स्टेड ने यह प्रमाणित किया कि विद्युत तथा चुंबकत्व परस्पर संबंधित परिघटनाएँ हैं। उनके अनुसंधन ने आगे जाकर नयी-नयी प्रौद्योगिकियों जैसे-रेडियो, टेलीविजन, तंतु प्रकाशिकी आदि का सृजन किया। उन्हीं के सम्मान में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक ऑर्स्टेड रखा गया है।
- दिक्सूची एक छोटा चुंबक होता है। इसका एक सिरा जो उत्तर की ओर संकेत करता है उत्तर ध्रुव कहलाता है, तथा दूसरा सिरा जो दक्षिण की ओर संकेत करता है दक्षिण ध्रुव कहलाता है।
- किसी चुंबक के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र होता है जिसमें उस चुंबक के बल का संसूचन किया जा सकता है।
- किसी चुंबकीय क्षेत्र के निरूपण के लिए चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का उपयोग किया जाता है। चुंबकीय क्षेत्र रेखा वह पथ है जिसके अनुदिश कोई परिकल्पित स्वतंत्र उत्तर ध्रुव गमन करने की प्रवृत्ति रखता है।
- चुंबकीय क्षेत्र के किसी बिंदु पर क्षेत्र की दिशा उस बिंदु पर रखे उत्तर ध्रुव की गति की दिशा द्वारा दर्शायी जाती है। जहाँ चुंबकीय क्षेत्र प्रबल होता है, वहाँ क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे के निकट दिखाई जाती हैं।
- किसी विद्युत धरावाही धातु के तार से एक चुंबकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेंद्री वृतों के रूप में होता है | दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम द्वारा ज्ञात की जाती है।
- विद्युत चुंबक में नर्म लौह-क्रोड होता है जिसके चारों ओर विद्युतरोधी ताँबे के तार की कुंडली लिपटी रहती है।
- कोई विद्युत धरावाही चालक चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करता है। यदि चुंबकीय क्षेत्र तथा विद्युत धारा की दिशाएँ परस्पर एक-दूसरे के लंबवत हैं तब चालक पर आरोपित बल की दिशा इन दोनों दिशाओं के लंबवत होती है, जिसे फ्रलेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा प्राप्त किया जाता है।
- विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करती है।
- वैद्युतचुंबकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है जिसमें किसी कुंडली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ समय के साथ चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
- चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुंबक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुंडली किसी विद्युत धरावाही चालक के निकट रखी है तब कुंडली से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है।
- प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्रलेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है।
- विद्युत जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। यह वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के आधार पर कार्य करता है।
- हम अपने घरों में प्रत्यावर्ती विद्युत शक्ति 220 V पर प्राप्त करते हैं जिसकी आवृत्ति 50 Htz है। आपूर्ति का एक तार लाल विद्युतरोधन युक्त होता है जिसे विद्युन्मय तार कहते हैं। दूसरे पर काला विद्युतरोधन होता है जिसे उदासीन तार कहते हैं। इन दोनों तारों के बीच 220 V का विभवांतर होता है। तीसरा तार भूसंपर्क तार होता है जिस पर हरा विद्युतरोधन होता है। यह तार भूमि में गहराई पर दबी धातु की प्लेट से संयोजित होता है।
- भूसंपर्कण एक सुरक्षा उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि साधित्र धात्विक आवरण में यदि विद्युत धारा का कोई भी क्षरण होता है तो उस साधित्र का उपयोग करने वाले व्यक्ति को गंभीर झटका न लगे।
- विद्युत परिपथों की लघुपथन अथवा अतिभारण के कारण होने वाली हानि से सुरक्षा की सबसे महत्वपूर्ण युक्ति फ्यूज है।
पाठगत-प्रश्न:
पेज – 250 :
प्रश्न 1. चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?
उत्तर:
चुम्बक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित इसलिए हो जाती है क्योंकि दिक्सूचक की सुई की नोक चुम्बक के ध्रुव की भांति कार्य करता है | जब सुई को दंड चुंबक के पास लाया जाता है जो ये सुई को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करता है जिससे विक्षेपित होता है |
पेज – 255 :
प्रश्न 1. किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचिए।
उत्तर:
प्रश्न 2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए।
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के निम्नलिखित गुण हैं –
- चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में समाहित हो जाती है |
- चुम्बक के अंदर, चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इसके दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होता है |
- चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ बंद वक्र होती हैं |
- जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र रेखाए घनी होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र मजबूत होता है |
- दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं |
प्रश्न 3. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं?
उत्तर:
दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक – दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती है क्योंकि प्रतिच्छेद बिन्दु पर दिक् सूची रखने पर दो दिशाओं की ओर संकेत करेगा जो संभव नहीं हैं ।
पेज – 256 – 257 :
प्रश्न 1. मेज के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दी गई आकृति एक वृताकार पाश का है जिसकी चुंबकीय क्षेत्र को दर्शाया गया है | दक्षिण अंगुष्ठ नियम लागु करने पर हम पाते हैं कि चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ पाश के अंदर मेज के तल की लंबवत बाहर की ओर निर्देशित होती है जबकि पाश के बहार यह अंदर की ओर निर्देशित होती है |
प्रश्न 2. किसी दिए गए क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान है। इसे निरूपित करने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
जब किसी क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान हो तो रेखायें एक-दुसरे के समान्तर, समान दुरी पर और समान लंबाई की होती हैं |
प्रश्न 3. सही विकल्प चुनिएः
किसी विद्युत धरावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र-
(a) शून्य होता है।
(b) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।
(c) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
उत्तर:
(d) सभी बिन्दुओं पर सामान रहता है |
पेज – 259 :
प्रश्न 1. किसी प्रोटॉन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुबंकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है? (यहाँ एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।)
(a) द्रव्यमान,
(b) चाल,
(c) वेग
(d) संवेग
उत्तर:
(c) वेग और (d) संवेग
प्रश्न 2. क्रियाकलाप 13.7 में हमारे विचार से छड़ AB का विस्थापन किस प्रकार प्रभावित होगा यदि
(i) छड़ AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए
(ii) अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए, और
(iii) छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए?
उत्तर:
(i) यदि छड AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए तो छड के विस्थापन में भी वृद्धि होती है |
(ii) यदि अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए तो छड AB का विस्थापन भी बढेगा |
(iii) यदि छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए तो इस पर लगने वाला बल भी बढेगा क्योंकि विस्थापन बढ़ता है |
प्रश्न 3. पश्चिम की ओर प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण (अल्फ़ा-कण) किसी चुंबकीय क्षेत्र द्वारा उत्तर की ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
(a) दक्षिण की ओर
(b) पूर्व की ओर
(c) अधोमुखी
(d) उपरिमुखी
उत्तर:
(d) उपरिमुखी
पेज – 261 :
प्रश्न 1. फ्लेमिंग का वामहस्त नियम लिखिए।
उत्तर:
फ्लेमिंग का वामहस्त नियम :
इस नियम के अनुसार, अपने बाएँ हाथ की तर्जनी, मध्यमा तथा अँगूठे को इस प्रकार फैलाइए कि ये तीनों एक-दूसरे के परस्पर लंबवत हों |यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्रा की दिशा और मध्यमा चालक में प्रवाहित विद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करती है तो अँगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा। इसी नियम को फ्लेमिंग का वामहस्त नियम कहते है |
प्रश्न 2. विद्युत मोटर का क्या सिद्धांत है?
उत्तर:
विद्युत मोटर का सिद्धांत :
विद्युत मोटर का कार्य करने का सिद्धांत विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव पर आधारित है | चुंबकीय क्षेत्र में लौह-क्रोड़ पर लिपटी कुंडली से जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह एक बल का अनुभव करती है | जिससे मोटर का आर्मेचर चुंबकीय क्षेत्र में घूमने लगता है | कुंडली के घूमने की दिशा फ्लेमिंग के वामहस्त नियम के अनुसार होता है | यही विद्युत मोटर का सिद्धांत हैं |
प्रश्न 3. विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है?
उत्तर:
विद्युत मोटर में विभक्त वलय दिक्-परिवर्तक का कार्य करता है | दिक्-परिवर्तक एक युक्ति है जो परिपथ में विद्युत-धारा के प्रभाव को उत्क्रमित कर देता है |
पेज – 264 :
प्रश्न 1. किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
- कुन्डली को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति कराकर ।
- कुन्डली के चारों ओर के चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन कराकर ।
पेज – 265 – 266 :
प्रश्न 1. विद्युत जनित्र का सिद्धांत लिखिए |
उत्तर:
विद्युत जनित्र का सिद्धांत विद्युत चुंबकीय प्रेरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन ) पर आधारित है | जब एक आयताकार कुंडली को एक सामान चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो यह कुंडली के सिरों पर प्रेरित विद्युत उत्पन्न करता है | यही विद्युत जनित्र का सिद्धांत है |
प्रश्न 2. दिष्ट धारा के कुछ स्रोत के नाम लिखिए |
उत्तर:
सेल, बैट्री और D.C जनित्र या डायनेमो आदि दिष्ट धारा के स्रोत हैं |
प्रश्न 3. प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोतों का नाम लिखिए |
उत्तर:
A.C जनित्र और इनवर्टर आदि जो प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं |
प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कीजिए –
ताँबे के तार की एक आयताकार कुंडली किसी चुंबकीय क्षेत्र में घूर्णी गति कर रही है। इस कुंडली प्रेरित विद्युत धारा की दिशा में कितने परिभ्रमण के पश्चात परिवर्तन होता है?
(a) दो
(b) एक
(c) आधा
(d) चौथाई
उत्तर:
(c) आधा
पेज – 267
प्रश्न 1. विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम हैं –
- फ्यूज का उपयोग |
- भूमि संपर्क तार का उपयोग |
प्रश्न 2. 2 kW शक्ति अनुमतांक का एक विद्युत तंदूर किसी घरेलू विद्युत परिपथ (220 V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विद्युत धारा अनुमतांक 5 । है, इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विद्युत तंदूर की शक्ति (P) = 2 kW = 2000 W
अत: विद्युत तंदूर द्वारा ली गई धारा (I) = P/V
= 2000/220 = 9 A (लगभग)
जबकि विद्युत परिपथ का विद्युत धारा अनुमतांक 5 A है और तंदूर 9 A की दर से धारा लेता है, इसलिए यह परिपथ अतिउष्मता अथवा अतिभारण के कारण टूट जायेगा |
प्रश्न 3. घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए |
- एक अकेले शोकेट से एक से अधिक उपकरण नहीं जोड़ने चाहिए |
- हमेशा परिपथ में विद्युत उपकरण पार्श्व क्रम में ही संयोजित करने चाहिए |
- परिपथ में उपयुक्त फ्यूज का उपयोग करना चाहिए |
- अतिभारण से बचाने के लिए एक ही समय में अधिक विद्युत उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए |
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन किसी लंबे विद्युत धरावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है?
(a) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के लंबवत होती हैं।
(b) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के समांतर होती हैं।
(c) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ अरीय होती हैं जिनका उदभव तार से होता है।
(d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
उत्तर:
(d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
प्रश्न 2. वैद्युतचुंबकीय प्रेरण की परिघटना-
(a) किसी वस्तु को आवेशित करने की प्रक्रिया है।
(b) किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने की प्रक्रिया है।
(c) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
(d) किसी विद्युत मोटर की कुंडली को घूर्णन कराने की प्रक्रिया है।
उत्तर:
(c) कुंडली तथा चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न करना है।
प्रश्न 3. विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते हैंμ
(a) जनित्र
(b) गैल्वेनोमीटर
(c) ऐमीटर
(d) मोटर
उत्तर:
(a) जनित्र
प्रश्न 4. किसी ac जनित्रा तथा dc जनित्र में एक मूलभूत अंतर यह है कि-
(a) ac जनित्र में विद्युत चुंबक होता है जबकि dc मोटर में स्थायी चुंबक होता है।
(b) dc जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(c) ac जनित्र उच्च वोल्टता का जनन करता है।
(d) ac जनित्र में सर्पी वलय होते हैं जबकि कब जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
उत्तर:
(d) ac जनित्र में सर्पी वलय होते हैं जबकि कब जनित्र में दिक्परिवर्तक होता है।
प्रश्न 5. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान-
(a) बहुत कम हो जाता है।
(b) परिवर्तित नहीं होता।
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
(d) निरंतर परिवर्तित होता है।
उत्तर:
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित प्रकथनों में कौन-सा सही है तथा कौन-सा गलत है? इसे प्रकथन के सामने अंकित कीजिए-
(a) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है।
(b) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
(c) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धरावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है।
(d) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है।
उत्तर:
(a) विद्युत मोटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। (गलत)
(b) विद्युत जनित्र वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। (सही)
(c) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धरावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है। (सही)
(d) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है। (गलत)
प्रश्न 7. चुंबकीय क्षेत्र के तीन स्रोतों की सूची बनाइए।
प्रश्न 8. परिनालिका चुंबक की भाँति कैसे व्यवहार करती है? क्या आप किसी छड़ चुंबक की सहायता से किसी विद्युत धरावाही परिनालिका के उत्तर ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव का निर्धरण कर सकते हैं?
प्रश्न 9. किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धरावाही चालक पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है?
प्रश्न 10. मान लीजिए आप किसी चैंबर में अपनी पीठ को किसी एक दीवार से लगाकर बैठे हैं। कोई इलेक्ट्रॉन पुंज आपके पीछे की दीवार से सामने वाली दीवार की ओर क्षैतिजतः गमन करते हुए किसी प्रबल चुंबकीय क्षेत्रा द्वारा आपके दाईं ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्रा की दिशा क्या है?
प्रश्न 11. विद्युत मोटर का नामांकित आरेख खींचिए। इसका सि(ांत तथा कार्यविध् िस्पष्ट कीजिए। विद्युत मोटर में विभक्त वलय का क्या महत्त्व है?
प्रश्न 12. ऐसी कुछ युक्तियों के नाम लिखिए जिनमें विद्युत मोटर उपयोग किए जाते हैं।
प्रश्न 13. कोई विद्युतरोध्ी ताँबे के तार की वुंफडली किसी गैल्वेनोमीटर से संयोजित है। क्या होगा यदि कोई छड़ चुंबक-
;पद्ध वुंफडली में ध्केला जाता है।
;पपद्ध वुंफडली के भीतर से बाहर खींचा जाता है।
;पपपद्ध वुंफडली के भीतर स्थिर रखा जाता है।
प्रश्न 14. दो वृत्ताकार वुंफडली । तथा ठ एक-दूसरे के निकट स्थित हैं। यदि वुंफडली । में विद्युत धरा में कोई
परिवर्तन करें तो क्या वुंफडली ठ में कोई विद्युत धरा प्रेरित होगी? कारण लिखिए।
प्रश्न 15. निम्नलिखित की दिशा को निर्धरित करने वाला नियम लिखिएμ
;पद्ध किसी विद्युत धरावाही सीध्े चालक के चारांे ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्रा,
;पपद्ध किसी चुंबकीय क्षेत्रा में, क्षेत्रा के लंबवत स्थित, विद्युत धारावाही सीध्े चालक पर आरोपित बल,
तथा
;पपपद्ध किसी चुंबकीय क्षेत्रा में किसी वुंफडली के घूर्णन करने पर उस वुंफडली में उत्पन्न प्रेरित
विद्युत धारा।
प्रश्न 16. नामांकित आरेख खींचकर किसी विद्युत जनित्रा का मूल सि(ांत तथा कार्यविध् िस्पष्ट कीजिए। इसमें
ब्रुशों का क्या कार्य है?
प्रश्न 17. किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन कब होता है?
प्रश्न 18. भूसंपर्क तार का क्या कार्य है? धतु के आवरण वाले विद्युत साध्त्रिों को भूसंपर्कित करना क्यों
आवश्यक है?