NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 10 The Changing World of Visual  (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 10 The Changing World of Visual  (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 8 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 10 The Changing World of Visual Arts.

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरें :
(क) जिस कला शैली में चीजों को गौर से देखकर उनकी यथावत तसवीर बनाई जाती है, उसे ………………… कहा जाता है।
(ख) जिन चित्रों में भारतीय भूदृश्यों को अनूठा, अनछुआ दिखाया जाता था, उनकी शैली को …………….. कहा जाता है।
(ग) जिस चित्रशैली में भारत में रहने वाले यूरोपीयों के सामाजिक जीवन को दर्शाया जाता था, उन्हें …………… कहा जाता था।
(घ) जिन चित्रों में ब्रिटिश साम्राज्यवादी इतिहास और उनकी विजय के दृश्य दिखाए जाते थे, उन्हें ………………. कहा जाता है।
उत्तर
(क) यथार्थपरक,
(ख) मनोहरी,
(ग) रूप-चित्रण,
(घ) इतिहास की चित्रकारी।

प्रश्न 2.
बताएँ कि निम्नलिखित में से कौन-कौन सी विधाएँ और शैलियाँ अंग्रेजों के जरिए भारत में आईं :
(क) तैल चित्र
(ख) लघु चित्र ।
(ग) आदमकद छायाचित्र
(घ) परिप्रेक्ष्य विधा का प्रयोग
(च) भित्ति चित्र उत्तर
उत्तर
(क) तैल चित्र,
(घ) परिप्रेक्ष्य विधा का प्रयोग।

प्रश्न 3.
इस अध्याय में दिए गए किसी एक ऐसे चित्र का अपने शब्दों में वर्णन करें, जिसमें दिखाया गया है कि अंग्रेज़ भारतीयों से ज्यादा ताकतवर थे। कलाकार ने यह बात किस तरह दिखाई है?
उत्तर
पाठ्यपुस्तक में दिया गया चित्र 5 (पृष्ठ 126) में भारतीयों को अंग्रेजों को चाय पेश करते हुए तथा अंग्रेजों का सामान ले जाते हुए दिखाया गया है।

प्रश्न 4.
ख़र्रा चित्रकार और कुम्हार कलाकार कालीघाट क्यों आए? उन्होंने नए विषयों पर चित्र बनाना क्यों शुरू किया?
उत्तर
कालीघाट आना

  1. यह एक ऐसा समय था, जब वाणिज्यिक तथा प्रशासनिक केंद्रों के रूप में शहरों का विस्तार हो रहा था।
  2. औपनिवेशिक अधिकारी इन शहरों में आकर रह रहे थे, जहाँ नए-नए औपनिवेशिक कार्यालय तथा बाज़ार खुल रहे थे और नई सड़कों व इमारतों का निर्माण हो रहा था।
  3. शहर में नए-नए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे थे, जिसके कारण ग्रामीण कलाकार भी नए ग्राहकों तथा नए संरक्षकों की उम्मीद में शहरों में आकर बसने लगे।
  4. कलाकारों ने नई विषय वस्तुओं पर चित्रकारी की नई शैली विकसित की, क्योंकि मूल्य-मान्यताएँ, रुचियाँ, सामाजिक कायदे-कानून और रीति-रिवाज़ आदि बहुत तेजी से बदल रहे थे।

प्रश्न 5.
राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्ट्रवादी भावना वाले चित्र कैसे कहा जा सकता है?
उत्तर
राष्ट्रवादी भावना

  1. राजा रवि वर्मा आरंभिक चित्रकारों में से थे, जिन्होंने आधुनिक और राष्ट्रीय कला शैली विकसित की।
  2. उन्होंने तैल चित्रकारी और यथार्थपरक जीवन अध्ययन की पश्चिमी कला पर महारत हासिल की, परंतु भारतीय पुराणों के चित्र बनाए। उन्होंने रामायण और महाभारत के अनगिनत दृश्यों को किरमिच पर उतारा।
  3. 1880 के दशक में राजा रवि वर्मा के पौराणिक चित्र भारतीय राजे-रजवाड़ों और कला संग्राहकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो चुके थे।
  4. राजाओं ने अपने महलों की दीवारें राजा रवि वर्मा के चित्रों से भर रखी थी।

आइए विचार करें

प्रश्न 6.
भारत में ब्रिटिश इतिहास के चित्रों में साम्राज्यवादी विजेताओं के रवैये को किस तरह दर्शाया जाता था?
उत्तर
उत्तर

  1. साम्राज्यवादी कला की एक और श्रेणी ‘इतिहास की चित्रकारी” थी। इस शैली के चित्रों में ब्रिटिश शाही इतिहास की विभिन्न घटनाओं को नाटकीय रूप में चित्रित किया जाता था।
  2. ये चित्रकार यात्रियों के विवरणों और रेखाचित्रों के आधार पर ब्रिटिश जनता को दिखाने के लिए भारत में ब्रिटिश कार्यवाइयों की सुंदर छवि तैयार करने का प्रयास करते थे।
  3. इन तसवीरों में अंग्रेजों का यशगान होता था। इन चित्रों के केंद्र में उनकी सत्ता, उनकी विजय और उनकी श्रेष्ठता होती थी।
  4. साम्राज्यवादी ऐतिहासिक चित्रों में शाही जीत की लोकस्मृतियाँ गढ़ने का भी प्रयास किया ताकि भारत और ब्रिटेन दोनों देशों में अंग्रेजों की जीत साधारण लोगों की स्मृति में बनी रहे।

प्रश्न 7.
आपके अनुसार कुछ कलाकार एक राष्ट्रीय कला शैली क्यों विकसित करना चाहते थे?
उत्तर
राष्ट्रीय कला शैली

  1. बंगाल में राष्ट्रवादी कलाकारों का एक नया समूह रवींद्रनाथ टैगोर के भतीजे अबनिंद्रनाथ टैगोर के साथ जुड़ गया।
  2. इस समूह के कलाकारों ने राजा रवि वर्मा की कला को नकल और पश्चिमी रंग-ढंग की कहकर त्याग | दिया और घोषणा की कि इस प्रकार की शैली राष्ट्र के प्राचीन मिथकों और जनश्रुतियों को चित्रित करने के लिए ठीक नहीं।
  3. इनके अनुसार पेंटिग की असली भारतीय शैली गैर-पश्चिमी कला परंपराओं पर आधारित होनी चाहिए। और उसे पूर्वी विश्व के आध्यात्मिक तत्व को पकड़ना चाहिए।
  4. ये लोग एशियाई कला आंदोलन खड़ा करने के लिए उसी समय भारत की यात्रा पर आए जापानी कलाकारों से भी प्रभावित थे।

प्रश्न 8.
कुछ कलाकारों ने सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र क्यों बनाए? इस तरह के चित्रों को देखने से लोगों के मस्तिष्क पर क्या असर पड़ते थे?
उत्तर
सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र

  1. कुछ कलाकारों ने सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र बनाए ताकि गरीब लोग भी उन्हें आसानी से खरीद सकें। |
  2. इस तरह के चित्रों को देखने से लोगों के मस्तिष्क पर रचनात्मक प्रभाव पड़ता था।
  3. राष्ट्रवादी विचारों को अभिव्यक्त करने और लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ उद्वेलित करने के लिए धार्मिक छवियों का प्रयोग किया गया।

आइए करके देखें

प्रश्न 9.
अपने आसपास मौजूद किसी परंपरागत कला शैली पर ध्यान दें। पता लगाएँ कि पिछले 50 साल के दौरान उसमें क्या बदलाव आए हैं? आप ये भी पता लगा सकते हैं कि इन कलाकारों को किन लोगों से मदद मिलती रही और उनकी कला को कौन लोग देखते हैं? शैलियों और दृश्यों में आए बदलावों पर जरूर ध्यान दें।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

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