NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 Role of the Government in Health (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 Role of the Government in Health (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 Role of the Government in Health.

पाठगत प्रश्न

1. भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त धन और सुविधाएँ नहीं हैं। क्या इस बात से आप सहमत हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-20)
उत्तर :l भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको सरकार स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उसके पास इसके लिए पर्याप्त धन है और सुविधाएँ नहीं हैं। हम इस बात से सहमत नहीं हैं, क्योंकि संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय है और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं। लगभग हर वर्ष 15,000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में कमी हो रही है। हमारे यहाँ से काफी संख्या में डॉक्टर विदेशों में पलायन कर जाते हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में कमी होती है।

2. रंजन को इतना अधिक पैसा क्यों खर्च करना पड़ा? कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर रंजन ने अपनी बीमारी का इलाज एक निजी अस्पताल में करवाया था, जहाँ सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध थीं। निजी अस्पताल में रंजन का कई तरह का परीक्षण किया गया, क्योंकि इन सभी परीक्षणों को करवाने के लिए डॉक्टर ने कहा था। इन सभी परीक्षणों के बाद यह पता चला कि रंजन को सिर्फ वायरल बुखार है। रंजन को कई तरह के परीक्षण की फीस, डॉक्टर की फीस तथा बेड का चार्ज के कारण अधिक पैसा खर्च करना पड़ा।

3. सरकारी अस्पताल में अमन को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? आपके विचार से अस्पताल कैसे बेहतर ढंग से काम कर सकता है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : सरकारी अस्पताल में अमन को लम्बी कतार में खड़ा होना पड़ा। जब उसकी बारी आई तो उसे डॉक्टर ने खून की जाँच कराने के लिए कहा। इसके लिए उसे एक और लंबी लाइन में खड़े होना पड़ा जहाँ जाँच के लिए खून लिया जा रहा था, वहाँ भी बहुत भीड़-भड़क्का हो रहा था और इन सभी कार्यों के लिए काफी समय लगा। इसके बाद ओ.पी.डी. काउंटर पर भी एक लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ा।

अस्पताल के बेहतर ढंग से काम करने के उपाय

  1. अस्पताल के प्रत्येक कर्मचारी को अलग-अलग काम सौंपा जाना चाहिए।
  2. प्रत्येक कर्मचारी के लिए समय सीमा निर्धारित किया जाना चाहिए कि वह निश्चित समय में एक । निश्चित संख्या में रोगियों की समस्या का निपटारा करें और जिस कर्मचारी एवं डॉक्टर के कार्यों में लापरवाही मिले उस पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
  3. अस्पताल की साफ़-सफ़ाई के लिए अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निगरानी करना चाहिए।

4. जब आप बीमार होते हैं, तो कहाँ जाते हैं? क्या आपको किन्हीं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता | है? अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : जब हम बीमार होते हैं, तो हम सरकारी अस्पताल में जाते हैं। सरकारी अस्पताल में लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। उसके बाद सरकारी अस्पताल के विभिन्न जाँच परीक्षण केन्द्रों में जाने पर यह पता चलता है कि वहाँ के कई जाँच परीक्षण की मशीन खराब है। डॉक्टर से इलाज कराने के लिए भी लम्बा इंतजार करना पड़ता है। डॉक्टर द्वारा जो दवाइयाँ लिखी जाती हैं उनमें से कई दवाइयाँ अस्पताल में नहीं मिलतीं, उसे बाहर की दुकानों से खरीदना पड़ता है।

5. निजी चिकित्सालयों में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : निजी चिकित्सालयों में हमें निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है

  1. निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने में अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
  2. छोटे निजी चिकित्सालयों में कई डॉक्टर ऐसे होते हैं जिनमें योग्यता की कमी होती है।
  3. गलियों या मुहल्लों में कुछ निजी चिकित्सालय के डॉक्टर एम.बी.बी.एस. नहीं होते, दूसरे शब्दों में उन्हें झोला छाप डॉक्टर कहा जाता है, जो कंपाउंटर से डॉक्टर बने होते हैं।
  4. छोटे निजी चिकित्सालयों में कई जाँच परीक्षण यंत्रों की कमी होती है। जिसके कारण बाहर से जाँच परीक्षण कराना पड़ता है।

6. किन-किन अर्थों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था’ सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-25)
उत्तर : निम्न अर्थों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है

  1. सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में अमीर-गरीब कोई भी व्यक्ति अपने रोग का इलाज करा सकता है।
  2. सार्वजनिक स्वाथ्य केंद्र में मुफ्त में इलाज और दवाइयाँ दी जाती हैं इसलिए इसमें इलाज कराना सबके लिए संभव है।
  3. सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी का इलाज करते समय किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता।
  4. सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये । अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं।
  5. इन सेवाओं को चलाने के लिए धन उस पैसे से आता है, जो लोग सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं।

7. कुछ सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा अस्पतालों की सूची बनाइए, जो आपके घर के पास हैं। अपने अनुभव से अथवा उनमें से किसी एक में जाकर केन्द्र चलाने वाले लोगों को और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-25)
उत्तर : सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र जो दिल्ली में स्थित हैं

  1. गुरु तेग बहादुर अस्पताल
  2. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल
  3. हिन्दू राव अस्पताल
  4. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
  5. गोविंद वल्लभ पंत अस्पताल
  6. ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट
  7. सफदरजंग अस्पताल

इन सरकारी अस्पतालों की स्थिति

  1. इन सरकारी अस्पतालों को अधिकारीगण समूह के प्रबंधन द्वारा चलाए जाते हैं।
  2. इन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के समूह कायम हैं, जो अलग-अलग रोगों के विशेषज्ञ हैं।
  3. इन सरकारी अस्पतालों के भवन काफी विशाल हैं तथा इनमें सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। | गई हैं। इन अस्पतालों में कई जाँच परीक्षण यंत्र भी हैं।
  4. इन अस्पतालों में रोगी को मुफ़्त इलाज के साथ-साथ मुफ्त दवाइयाँ भी दी जाती हैं।

8. आपके घर के पास कौन-सी निजी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं? उन्हें चलाने वाले लोगों और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-26)
उत्तर : निजी स्वास्थ्य केन्द्र जो दिल्ली में स्थित हैं

  1. अपोलो अस्पताल
  2. गंगा राम अस्पताल
  3. सेंट स्टीफेंस अस्पताल निजी अस्पतालों को निजी व्यक्ति या किसी डॉक्टर द्वारा संचालित किए जाते हैं। इनमें भी सभी तरह की सुविधाएँ दी जाती हैं। इन अस्पतालों में सेवाएँ सार्वजनिक अस्पतालों से अच्छी होती हैं। रोगियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. इस अध्याय में आपने पढ़ा है कि स्वास्थ्य में सिर्फ बीमारी की बात नहीं की जा सकती है। संविधान से लिए गए एक अंश को यहाँ पढ़िए और अपने शब्दों में समझाइए कि ‘जीवन का स्तर’ और ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ के क्या मायने होंगे। संविधान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा यह कहता है कि ‘‘पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है।”
उत्तर : भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व में लोगों के कल्याण से संबंधित कई उपबंध लिखे गए हैं। जिसके तहत सरकार के लिए कई तरह के दिशा का निर्देश जारी किए गए हैं। इसी संदर्भ में नीति निर्देशक सिद्धान्त में कहा गया है कि पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है। इसलिए भारत सरकार राज्य सरकार और स्थानीय सरकार ने कई स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया है तथा पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।

2. सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा सकती है? चर्चा कीजिए।
उत्तर : सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार निम्न कदम उठा सकती है

  1. स्वास्थ्य केन्द्रों या चिकित्सा केन्द्रों में वृद्धि करके।
  2. सरकार स्वास्थ्य की सुविधाओं में वृद्धि के लिए अपने बजट में वृद्धि करें।
  3. सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण कानून लाकर प्रदूषण में कमी लाया जा सकता है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।
  4. पीने के लिए स्वच्छ जल लोगों को उपलब्ध करवाकर।

3. आपको, अपने इलाके में उपलब्ध सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं में क्या-क्या अंतर देखने को मिलते हैं? नीचे दी गई तालिका को भरते हुए, इनकी तुलना कीजिए और अंतर बताइए।
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 (Hindi Medium) 2

4. पानी और साफ़-सफाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेकों बीमारियों की रोकथाम, की जा सकती है। उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : पानी और साफ़-सफ़ाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेकों बीमारियों की रोकथाम निम्न प्रकार से की जा सकती है

  1. संचारणीय बीमारियाँ पानी के द्वारा एक से दूसरे को लगती हैं। इन बीमारियों में से 21% बीमारियाँ जल जनित होती हैं। जैसे-हैजा, पेट के कीड़े और हैपेटाइटिस।।
  2. साफ़-सफ़ाई की कमी एवं प्रदूषण के कारण भी अनेक बीमारियाँ फैलती हैं; जैसे- भारत में ही लगभग | 5 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष तपेदिक (टी.बी.) से मर जाते हैं। डेंगू, मलेरिया आदि अनेकों बीमारियाँ साफ़-सफ़ाई की कमी से होती है।
    उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि पानी और साफ़-सफ़ाई की गुणवता में सुधार करके अनेकों बीमारियों की रोकथाम संभव है।

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