NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 12 Geography. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 8 Transport and Communication.

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिये गए चार विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए
(i) पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है?
(क) डार्विन और मेलबोर्न
(ख) एडमंडन और एंकॉरेज
(ग) बैंकूवर और सेंट जॉन नगर
(घ) चेगडू और ल्हासा
(ii) किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है?
(क) ब्राजील
(ख) कनाडा
(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(घ) रूस
(iii) बृहत ट्रंक मार्ग होकर जाता है
(क) भूमध्य सागर हिंद महासागर से होकर
(ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
(ग) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर
(घ) उत्तर प्रशांत महासागर से होकर
(iv) ‘बिग इंच’ पाइप लाइन के द्वारा परिवहित किया जाता है।
(क) दूध
(ख) जल
(ग) तरल पेट्रोलियम गैस (LPG)
(घ) पेट्रोलियम
(v) चैनल टनल जोड़ता है।
(क) लंदन-बर्लिन ।
(ख) बर्लिन-पेरिस
(ग) पेरिस-लंदन
(घ) बार्सीलोना-बर्लिन

उत्तर:
(i) (क) डार्विन और मेलबोर्न
(ii) (ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(iii) (ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर।
(iv) (घ) पेट्रोलियम
(v) (ग) पेरिस-लंदन

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
(i) पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या-क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर: पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों व रेलमार्गों के निर्माण में तथा उनके रखरखाव में भारी खर्च आता है। इनके मार्ग में अनेक पुलों व टनलों का निर्माण करना पड़ता है। भूकंप व भूस्खलन जैसी आपदाओं से सड़कों व रेलमार्गों को भारी क्षति होती है। जबकि मरुस्थलों में रेतीली भूमि के कारण सड़कें बनाना कठिन होता है। इसी तरह बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बाढ़ आने पर सड़कों व रेलमार्गों का बह जाना या क्षतिग्रस्त होना आम घटना है।
(ii) पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है?
उत्तर: पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए इसके दो छोरों को जोड़ते हैं। इनका निर्माण आर्थिक व राजनीतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लंबी यात्राओं को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है।
(iii) जल परिवहन के क्या लाभ हैं?
उत्तर: जल परिवहन-परिवहन के सभी साधनों में यह सबसे सस्ता साधन है। इसके लिए मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता। सभी महासागर आपस में जुड़े होने के कारण छोटे-बड़े सभी प्रकार के जहाजों से यात्रियों व भारी-भरकम सामान को विश्व के किसी भी कोने में आसानी से ले जाया जा सकता है। जल में कम घर्षन के कारण ऊर्जा लागत अपेक्षाकृत कम आती है।

प्र० 3. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक न दें
(i) “एक सुप्रबंधित परिवहन प्रणाली में विभिन्न एक-दूसरे की संपूरक होती हैं”, इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: एक सुप्रबंधित परिवहन तंत्र में परिवहन की विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की संपूरक होती हैं न कि प्रतियोगी। किसी विधा की सार्थकता उनके द्वारा परिवहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और परिवहन के लिए उपलब्ध उपयुक्त विधा पर निर्भर करती है; जैसे-वस्तुओं के अंतर्राष्ट्रीय संचलन का निपटान भारवाही जलयानों के द्वारा किया जाता है। जबकि कम दूरी व घर-घर सेवाएँ प्रदान करने में सड़क परिवहन सस्ता एवं तीव्रगामी साधन है। किसी देश के भीतर स्थूल/भारी पदार्थों को विशाल मात्रा में लंबी दूरियों तक परिवहन करने के लिए रेल सर्वाधिक अनुकूल साधन है। जबकि उच्च मूल्य वाली, हल्की तथा नाशवान वस्तुओं को वायुमार्गों द्वारा परिवहन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। तरल व गैसीय पदार्थों का परिवहन पाइप लाइनों द्वारा बेहतर सिद्ध होता है। जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में रोपवे अर्थात तारों पर चलने वाली ट्रॉली तीव्रगामी साधन है। इस तरह परिवहन की इन सभी विधाओं का प्रयोग अंतर्जादेशिक एवं अंतराप्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है। पाइप लाइनों को छोड़कर शेष सभी विधाओं के द्वारा यात्रियों और पदार्थों दोनों का वहन किया जाता है।
(ii) विश्व के वे कौन-से प्रमुख प्रदेश हैं जहाँ वायुमार्गों का सघन तंत्र पाया जाता है?
उत्तर: वायु परिवहन, परिवहन का तीव्रतम साधन है, किंतु यह बहुत ही महँगा है। तीव्रगामी होने के कारण लंबी दूरी की यात्राओं के लिए यात्री इसे ही वरीयता देते हैं। इसके द्वारा मूल्यवान जहाजी भार को तेजी के साथ पूरे विश्व में कहीं भी भेजा जा सकता है। कई बार अगम्य क्षेत्रों तक पहुँचने का यही एकमात्र साधन होता है। वायुयान जमी हुई भूमि के अवरोध से प्रभावित हुए बिना उत्तरी कनाडा के एस्किमो के लिए अनेक वस्तुएँ पहुँचाते हैं। हिमालय प्रदेश में भू-स्खलन, ऐवेलांश अथवा भारी हिमपात से मार्ग अवरुद्ध हो जाने पर वायुमार्ग से ही यात्रा संभव होती है। वायुमार्गों का अत्यधिक सामरिक महत्त्व भी होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका एवं ब्रिटिश सेवाओं द्वारा ईरान में किए। गए हमले इस तथ्य के साक्षी हैं। वर्तमान समय में विश्व में कोई भी स्थान 35 घंटे से अधिक की दूरी पर नहीं है। विश्व के अनेक भागों में दैनिक वायु सेवाएँ उपलब्ध हैं। यद्यपि ब्रिटेन का वाणिज्यिक वायु परिवहन का प्रयोग अनुकरणीय है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मुख्य रूप से युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन का विकास किया है। वर्तमान में 250 से अधिक वाणिज्यिक एयर लाइनें हैं जो विश्व के विभिन्न भागों में नियमित सेवाएँ प्रदान करती हैं। एक सुपरसोनिक वायुयान लंदन और न्यूयार्क के बीच की दूरी को मात्र साढ़े तीन घंटों में तय कर लेता है। उत्तरी गोलार्द्ध में अंतर-महाद्वीपीय वायुमार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी है। पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है। विश्व के कुल वायुमार्गों के 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। न्यूयार्क, लंदन, पेरिस, एमस्टर्डम एवं शिकागो, नोडीय बिंदु हैं। जहाँ वायु मार्ग अभिसरित होते हैं अथवा महाद्वीपों की ओर विकिरित होते हैं।
(iii) वे कौन-सी विधाएँ हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस की वृद्धि करेगा?
उत्तर: साइबर स्पेस-साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कंप्यूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह वर्ल्ड वाइड वेबसाइट जैसे इंटरनेट द्वारा आवृत है। साधारण शब्दों में यह भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के बीच विद्युतीय तरंगों के माध्यम से कंप्यूटर पर सूचनाओं का प्रेषण तथा प्राप्ति विद्युतीय अंकीय रूप में प्राप्त करता है। इसे इंटरनेट के नाम से भी जाना जाता है। यह किसी कार्यालय में, घर में, जल में, चलती नौका में, उड़ते हुए जहाज में अथवा कहीं भी हो सकता है। वर्तमान में विश्व के करोड़ों लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं और लगातार इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। क्योंकि साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई-मेल, ई-वाणि ज्य, ई-शिक्षा, और ई-प्रशासन के माध्यम से विस्तृत हो रहा है। फैक्स, टेलीविज़न और रेडियो के साथ इंटरनेट समय और स्थान की सीमाओं को लाँघते हुए अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचेगा। ये सभी आधुनिक संचार की प्रणालियाँ हैं जिन्होंने परिवहन की तुलना में कहीं अधिक वैश्विक ग्राम की संकल्पना को साकार किया है। जैसे-जैसे इस तकनीक का विकास हो रहा है तथा इस पर लगे प्रतिबंध समाप्त हो रहे हैं निजी व्यावसायिक कंपनियाँ, शैक्षणि कि संस्थान तथा संस्कार द्वारा इन सूचनाओं तथा उपग्रह चित्रों का उपयोग असैनिक क्षेत्रों जैसे-नगरीय नियोजन, प्रदूषण नियंत्रण, वन विनाश से प्रभावित क्षेत्रों का पता लगाने व सैकड़ों भौतिक प्रतिरूपों एवं प्रक्रमों को पहचानने हेतु हो रहा है। इसका उपयोग विश्व के अधिकांश प्रयोक्ता जैसे-संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन व भारत में भी हो रहा है। विगत 5 वर्षों में वैश्विक प्रयोक्ताओं का संयुक्त राज्य अमेरिका से विकासशील देशों में स्थानांतरण हुआ है। इस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रयोक्ताओं का प्रतिशत कम होता जा रहा है।

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